पैसे नहीं ख़रीद सकते हमें ख़ुशियाँ,वो तो निकले सिर्फ़ ज़हर के सिक्के जैसे।
पैसे नहीं ख़रीद सकते हमें ख़ुशियाँ,वो तो निकले सिर्फ़ ज़हर के सिक्के जैसे।
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